भारत में किसान बहुत महत्वपूर्ण है भारत की ज्यादातर आबादी खेती पर निर्भर है, किसान का जीवन मौसम ओर प्रकर्ति पर आधारित होता है,यदि बारिश अच्छी हो तो किसानों के खेतों की फसल खिलखिलाती है और यदि मौसम रूठा हो तो किसानों के लिए संकट छा जाता है। मौसम के लगातार बदलावों की वजह से किसानों की स्थिति खराब होती जारी है।
मौसम का किसानों पर अच्छा प्रभाव:-
वैसे तो मौसम का नकारात्मक प्रभाव ही चर्चा पर होता है जैसे-सूखा पड़ जाना, बाढ़ , बर्फ़बारी आदि । लेकिन यह भी सच है की अगर मौसम सही हो तो किसानों के लिए वरदान से कम नहीं होता है।यदि समय से सही बारिश, सही गर्मी और हवा की गति सही हो तो ये सब मिलकर फसल की पैदावार को बेहतर बना सकती है। इससे ना सिर्फ़ किसानों को लाभ होता है बल्कि हम लोगों को भी अच्छा और पौष्टिक अनाज खाने को मिलता है और अच्छी फसल से किसानों के जीवन ओर आमदनी में भी सुधार आ सकता है।
मौसम के प्रकार ओर उनका किसानों पर असर:-
१.गर्मी का मौसम{मार्च-जून}
गर्मी में बढ़ते हुए तापमान के कारण मिट्टी तेज़ी से सूखने लगती है।गर्मियों में मूंग,मक्का और अनेक प्रकार की सब्ज़ियाँ उगाई जाती है लेकिन पानी की कमी और अधिक तापमान के कारण मिट्टी सूखने की वजह से सब्ज़ियों में नुकसान हो सकता है।
२.मानसून का मौसम{जून- सितंबर}
मौसम किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है,धान, बाजरा, मक्का जैसी फसल मानसून के महीने में उगाई जाती है लेकिन बारिश समय पर हो गई तो फसल अच्छी होगी और बारिश कम या ज़्यादा हो गई तो फसलों को नुकसान हो सकता है।
३.शरद/पतझड़ का मौसम (अक्टूबर – नवंबर)
ये मौसम मानसून के बाद वाला मौसम होता है जिसमें खेत सूखने लगते है, कटाई और गहाई करने में परेशानी नहीं आती है,इस समय धान की कटाई और गेहूं, चना और सरसों जैसे फसलों की बुवाई की जाती है ,यदि बारिश हो गई तो सारी फसलें बर्बाद हो जाएगी और मौसम सही रहा तो कटाई अच्छे से हो जाएगी और किसानों को लाभ भी अधिक होगा।
४.सर्दी का मौसम (दिसंबर – फरवरी)
सर्दियों में ठंड ओर कोहरा बढ़ता है, इस समय गेहूं, चना, मटर, सरसों, आलू जैसे चीजों की फसल बोई जाती है लेकिन अधिक पाला पड़ने की वजह से फसलों का नुकसान होने का डर होता है क्योंकि पाला फसलों को नुकसान पहुँचाता सकता है।ज़्यादा ठंड की वजह से फसल ओर पौधे जमने लग जाते है जिस से सब्जियाँ जैसे टमाटर, फूलगोभी आदि खराब हो जाती हैं।
आपदाएँ और उनका असर
१. बाढ़
ज़्यादा बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाता है जिसकी वजह से फसल खराब हो जाती है, बारिश की वजह से बीज और खाद भी बह जाते हैं और मिट्टी की उर्वरता को भी असर पड़ता है। यदि फसल की कटाई से पहले बाढ़ अगयी तो पूरी फसल खराब हो जाती है और इसकी वजह से किसानों को बहुत आर्थिक नुकसान होता है उनकी इतनी मेहनत से बोई फसल सारी नष्ट हो जाती है जिसे वो दोबारा भी नहीं बो सकते।
२.सूखा
अगर बारिश ना हो या फिर बहुत कम हो तो फ़सले सूख जाती है मिट्टी में नमी आ जाती है और पानी कम होने की वजह से फसलों की सिंचाई भी अच्छे से नहीं हो पाती जिससे फसलों की वृद्धि रुक जाती है और सारी फसल सूख कर खराब हो जाती है।फसल खराब होने की वजह से किसानों की कमाई नहीं हो पाती और अपने परिवार का पेट पालने के कारण उनको कर्ज़ में डूबना पड़ता है।
३.ओलावृष्टि
ज़्यादातर ओले फसलों की कटाई के समय ही गिरते है जिसकी वजह से किसानों को फल, पौधे और सब्ज़ियाँ जैसे- आलू,सरसों आदि में गंभीर नुकसान होता है। पूरे साल की मेहनत और कटाई से पहले फसल ख़राब होने की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है।
४.तूफ़ान
तूफ़ान की वजह से फसल टूट कर ज़मीन पर गिर जाती है जिससे सारी फसल खराब हो जाती है और किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।बाज़ार में उन फसलों का कोई मूल्य नहीं होता। फसल में नुकसान ज़्यादा होने की वजह से किसानों की आत्महत्या के मामले बढ़ जाते है ।
५.कीट का आतंक और टिड्डी दल
बदलते मौसम की वजह से खेतों में कीट का आतंक फेल जाता है और वो कुछ ही घंटों में सारी फसल नष्ट कर देते है इनकी वजह से दवाइयों में भी अधिक पैसे खर्च हो जाते है । किसानों की महीनों की मेहनत पूरी बर्बाद हो जाती है।
समाधान:-
१- प्रधानमंत्री बीमा योजना – फसलो के नुकसान हो जाने पर सरकार द्वारा आर्थिक मदद होना।
२- मौसम के बारे में वेदर ऐप, S M S, रेडियो या टी.वी. से जानकारी लेते रहना।
३-सिंचाई करने के लिए तालाब, नहर, स्प्रिंकलर, ड्रिप जैसे उपाय के बारे में सोचना।
४-कृषि विज्ञान केंद्र{K V K]- आपदा से निपटने के लिए सरकार से सुझाव लेना।
५-एक ही फसल पर निर्भर ना होना बल्कि एक ही फसल को अनेक बार उगाने के बदले अलग -अलग प्रकार की फसलें उगाना जैसे अनाज, दलहन, तिलहन, सब्जियाँ, फल।
अंत में:-
किसान और मौसम का रिश्ता बहुत पुराना और गहरा है, अगर मौसम अच्छा हुआ तो फसल भी अच्छी होगी और किसान के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी और अगर मौसम थोड़ा सा खराब हो गया तो किसान की पूरी मेहनत खराब हो जाएगी । इसलिए मौसम की जानकारी की ज़रूरत सबसे ज़्यादा किसानों को होती है ताकि किसान अपने खेत की पूरी सुरक्षा कर सके और अपने खेत को खुशहाली से भर सके।