मौसम सिर्फ़ बारिश , हवा और बादल नहीं है ये एक खूबसूरत एहसास है। जब सुबह की हल्की और मीठी मीठी धूप हमारे चेहरे पर पड़ती है तो मन खिल उठता है। जब अचानक बादल गरजते है और रिमझिम रिमझिम बरसात होती है तो मन प्रस्सन्न हो उठता है और कभी कभी तो दिल भूली-बिसरी यादों में भी खो जाता है।
मौसम हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह ना ही सिर्फ़ हमारे दैनिक कार्यों पर प्रभाव करता है,बल्कि हमारी भावनाओं, स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है। जब हम सुबह उठते है तो सबसे पहले आकाश की ओर देखकर यही सोचते है की ” आज मौसम कैसा होगा धूप रहेगी या बारिश ?”
मौसम की अपनी एक अलग ही कहानी होती है:
गर्मियों में तपती हुई धूप में छाँव का आनंद लेना और उसकी अहमियत सीखना।
बारिश में बचपन की यादों को याद करना वो काग़ज़ की नाव, भीगती गालियाँ और सौंधी-सौंधी मिट्टी की ख़ुशबू जिसके आते ही मन खिल उठता है।
सर्दियों की वो ठंडी सुबह जब रज़ाई से बाहर निकलने का मन नहीं करता है और धूप निकलते ही लोग अपनी-अपनी छतों में चटाई बिछाकर धूप सेकते या तो खटाई का आनंद लेते । माँ की हाथ की चाय और स्वेटर की वो गर्माहट दिल को सुकून देती है।
मौसम सिर्फ़ बाहर के वातावरण को ही नहीं बदलता बल्कि हमारे अंदर भी एक नई ऊर्जा भरता है, कभी शांत करता है तो कभी हमें सोच में डूबा देता है।
आज जब अचानक मौसम बदलता है- तेज धूप के बाद अचानक से रिमझिम बरसात आती है तो एक ऐसा अहसास होता है प्रकर्ति हमशे कुछ कहना चाहती है, शायद याद दिला रही होती की उसे भी प्यार और देखभाल चाहिए।
मौसम और भावना
बचपन में हर एक मौसम के साथ हमारी अलग-अलग भावनाएँ जुड़ी होती है, जैसे गर्मियों के मौसम में ठंडी-ठंडी क़ुल्फ़ी या आइसक्रीम का मज़ा लेना, पेड़ के नीचे छाँव का आनंद लेना और परिवार के साथ ठंडी जगह पर घूमने जाना दिल को एक अलग ही सुकून देता है। जब गर्मियों में स्कूल की छुट्टियाँ पड़ती है तो बच्चों के चेहरे खिल उठते है।
बरसात में अचानक बारिश हो जाने पर स्कूल की छूटी पड़ जाने से बच्चों के चेहरे ख़ुशी से खिल उठना और किसानो के लिए तो बारिश वरदान से कम नहीं होती बरसात में उनके खेत खिलखिलाते हैं; बारिश से खेतों में अंकुरित बीज भी खिल उठते है। छोटे-छोटे बच्चों का बारिश में नाचना और बारिश के पानी में मस्ती करना दिल को एक अलग ही ख़ुशी देता है।
और सर्दियों की वो रात; नानी की रज़ाई में छुपकर कहानियाँ सुनना और सुबह सर्दी में मीठी-मीठी धूप का आनंद लेना…मौसम के ये रंग दिल की दीवारों पर एक अलग ही तस्वीर बनकर रह जाती है।
फौजी और मौसम
जब हम लोग हर एक मौसम का लुत्फ़ उठा रे होते है – गर्मी में पंखे में बैठकर ठंडी हवा का आनंद लेते है , सर्दी में रज़ाई ओढ़कर आराम से टीवी देखते हुए मुफ़ली खाते है और बरसात में घर के अंदर गरम-गरम चाय के साथ गरम-गरम पकोड़ो का मज़ा लेते है तो उस टाइम हमारे देश के फौजी देश को सीने से लगाकर सेवा करते है।
जब लोग गर्मी से परेशान होकर ए.सी. की ठंडी हवा का मज़ा लेते है तो हमारे देश के फौजी हमारी सुरक्षा के लिए राजस्थान की भीषण गर्मी में खड़े रहते है-सर पर लोहे का हेलमेट, पीठ पर भरी-भरकम बैग और हाथ में बंदूक। सूरज की वो भीषण गर्मी में वो लोग देश की सुरक्षा के लिए डटे रहते है।
सर्दी में जब हम लोग हीटर की गरमाहट लेते है तो हमारे देश के सैनिक सियाचिन के .-40 डिग्री के बर्फीली पहाड़ों में पहरा दे रहे होते है, उनकी साँसें जमने लग जाती है, हाथ काँपने लग जाते है लेकिन हौसला नहींं डगमगाता। मौसम से पहले उनके लिए हमारा देश आता है।
जब हम लोग बारिश के कचड वाले पानी से बच रहे होते है तो तब उत्तर-पूर्व के फौजी जंगलोंं में कीचड़ से सनी हुई वर्दी पहनकर पहरा देते है, लेकिन उनके कदम मज़बूत होते है ओर दिल में देशभक्ति का जुनून होता है।
मौसम चाहे जेसा भी हो फौजी अपने देश के लिए हमेशा खड़ा रहता और हर चुनोती को गर्व से स्वीकार करता है।चाहे उनकी वर्दी भीगे, तपे या जमे लेकिन उनका हौसला हमेशा बढ़ता रहता है। उनका हौसला सूरज नहींं डगमगा सकता है, ना पानी और ना ही बर्फ़।
पहाड़ों का मौसम और शहर का मौसम
अगर पहाड़ के मौसम की बात की जाए तो उसका अनुभव अलग ही होता है पहाड़ की ठंडक सिर्फ़ शरीर को ही नहीं बल्कि रूह को भी छू जाती है; मन को शांत कर एक अलग ही सुकून देती है। पहाड़ की गिली मिट्टी की ख़ुशबू, सुबह की वो ठंडी-ठंडी हवा और चारो तरफ़ हरी-भारी हरियाली दिल को मोह लेती है।
जब शहर में लोग गर्मी ओर लू से परेशान हो जाते है तो वही पहाड़ के लोग ठंडी ठंडी हवा का आनंद लेकर अपने दिल को सुकून देते है।
बरसात में जब बादल पहाड़ों को छू जाते, तो ऐसा लगता की ज़मीन बादलों से बात कर रही हो और सर्दी में बर्फीली पहाड़ का वो नजारा किसी जन्नत से कम नहीं लगता,हर पेड़, हर पौधा, हर छत बर्फ़ की चादर ओढ़ लेती है।
शहर का मौसम
और अगर वही शहर के मौसम की बात करे – जैसे दिल्ली का मानसून गर्मी से तो राहत देता है लेकिन कई बार लोगों के लिए परेशानियाँ भी खड़ी कर देता है, सड़कों में पानी भरना, छोटी- छोटी बस्ती में बरसात के कारण घरों में पानी घुस जाने की समस्या खाड़ी होना। शुरू- शुरू में तो शहर की बारिश में लोगों को मज़ा आता है बाल्कनी में बैठकर पकोड़े और गरम – गरम चाय का आनंद लेते है, लेकिन जल्द ही ये बारिश उनके उनके लिए बाढ़ और बीमारियाँ [जैसे डेंगू] का डर सताने लगता है।
अंत में……
मौसम कभी भी मोबाइल एप या समाचार में मत देखिए। सुबह आकाश की ओर देखकर जानिए कि बारिश होगी या नहीं, बारिश की बूँदों को चेहरे पर पड़ने दीजिए, सूरज की किरणों को आँख बंद कर महसूस कीजिए ।
हर इंसान के भीतर अपना एक अलग ही मौसम चल रहा होता है यदि आप अंदर के मौसम को समझ गए तो बाहर के मौसम को भी समझ जाएँगे।
क्योंकि मौसम सिर्फ़ बाहर नहीं होता….
वो हमारे अंदर भी चल रहा होता है- हर एक पल, हर एक साँस के साथ।